इस तरह की इनकम पर नहीं लगता टैक्स, लेकिन अब इन लोगों को भी दाखिल करना होगा ITR, जानें- नियम

 








अधिक से अधिक लोगों को आयकर के दायरे में लाने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कुछ और लोगों को आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की सूची में शामिल किया है. ये वे लोग हैं जिनकी आय आयकर के अधीन नहीं है. लेकिन, अब उन्हें आईटीआर भी दाखिल करना होगा. इस संबंध में सीडीबीटी ने 21 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी किया है

सरकार ने साल 2019 में अनिवार्य आईटीआर फाइल करने वालों की सूची में संशोधन किया था. तब सरकार ने उन लोगों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य कर दिया, जिन्होंने एक साल में अपने चालू बैंक खाते में एक करोड़ या उससे अधिक जमा किए हैं, विदेश यात्रा पर या एक साल में दो लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं. एक लाख रुपये से अधिक का बिजली बिल का भुगतान करना चाहिए था. यहां तक ​​कि अगर इनमें से किसी भी शर्त को पूरा करने वाले व्यक्ति की आय आयकर के दायरे में नहीं आती है, तब भी उसे आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता होती है

अब सूची में जोड़े गए चार शब्द

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीबीडीटी ने 21 अप्रैल 2021 को एक नोटिफिकेशन जारी कर इस लिस्ट में चार और शर्तें जोड़ी हैं. ये शर्तें तत्काल प्रभाव से प्रभावी हो गई हैं. अधिसूचना में कहा गया है कि नई शर्तों के तहत आने वाले सभी व्यक्तियों को अपनी सारी आय की जानकारी देते हुए आईटीआर दाखिल करना होगा.




60 लाख से अधिक का कारोबार

एक व्यक्ति जो व्यापार करता है और उसकी कुल बिक्री, कारोबार या कुल प्राप्ति एक वित्तीय वर्ष में 60 लाख रुपये से अधिक है, तो उसे आईटीआर दाखिल करना होगा चाहे उसे व्यापार में लाभ या हानि हो. और भले ही उसकी आमदनी इनकम टैक्स के दायरे में न आती हो.




पेशेवर रसीदें

यदि पिछले वर्ष में किसी पेशेवर की उसके पेशे से प्राप्तियां 10 लाख रुपये से अधिक हैं, तो उसे अब अनिवार्य रूप से आईटीआर दाखिल करना होगा. जिन पेशेवरों पर यह शर्त लागू होगी उनमें आर्किटेक्चर, इंजीनियर्स, लॉ प्रोफेशनल्स, आईटी प्रोफेशनल्स, अकाउंटेंसी, इंटीरियर डेकोरेटर्स, मेडिकल प्रोफेशनल्स, फिल्म आर्टिस्ट्स और ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जो फ्रीलान्स क्षमता के साथ सेवाएं प्रदान करते हैं.




स्रोत पर कर कटौती

वेतन, अनुबंध शुल्क, कमीशन, लाभांश, सेवा शुल्क, अचल संपत्ति की बिक्री, किराया और खरीद, ब्याज आय और लगभग सभी टीडीएस स्रोत पर कर एकत्र करने के लिए स्रोत पर लगाए जाते हैं. अब सरकार ने उन लोगों के लिए भी आईटीआर दाखिल करना अनिवार्य कर दिया है, जिनकी वित्त वर्ष के दौरान कुल टीडीएस या स्रोत पर कर की गई राशि 25,000 रुपये से अधिक है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये निर्धारित की गई है.




50 लाख रुपये से अधिक राशि जमा करने पर



यदि कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में बैंक के बचत खातों में 50 लाख रुपये जमा करता है, तो उसे भी आईटीआर दाखिल करना होगा, भले ही उसकी कुल आय भी कर योग्य न हो.

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