आयकर का नया पोर्टल: हिचकोलों के साथ शुरू हुई आधुनिक और सरल सुविधा देने की कोशिश

 








अनेक आयकरदाताओं, चार्टर्ड एकाउंटेंट और तकनीकी के प्रति समर्पित व्यक्तियों के लिए नई संशोधित आयकर वेबसाइट कुछ ऐसी चीज थी, जिसका वे सब इंतजार कर रहे थे। मौजूदा वेबसाइट को निलंबित (सस्पेंड) करने के एक हफ्ते बाद सात जून को बड़ी धूमधाम से बदलाव की घोषणा की गई, लेकिन कुछ ही घंटों में वेबसाइट न केवल खराब होने लगी, बल्कि इसके कामकाज में भी खामियां सामने आने लगीं। लेकिन आयकर वेबसाइट जैसी बड़ी और किसी भी नई चीज के साथ ऐसा होना प्रत्याशित है। आयकरदाताओं के लिए अच्छी खबर यह है कि इस नई वेबसाइट में उन्नत सुविधाएं और उपयोगकर्ता के लिए फायदे की चीजें जोड़ी गई हैं, जो उन्हें बहुत मदद करेंगी।

सबसे पहली बात कि यह पुरानी वेबसाइट (http://incometaxindiaefiling.gov.in) का सिर्फ विस्तृत रूप नहीं है, बल्कि नई वेबसाइट का पता हैः http://incometax.gov.in, जिसने पुरानी वेबसाइट को पूरी तरह से हटा दिया है। नई वेबसाइट मोबाइल के अनुकूल है और इसमें करदाताओं को एक ही जगह सारे समाधान मिल जाएंगे। नई साइट का संचालन उपयोगकर्ता के अनुकूल है और करदाताओं की नई पीढ़ी की जरूरत को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से सोचकर तैयार किया गया है। इसके पीछे मूल विचार यह है कि उपयोगकर्ताओं को डराने के बजाय वेबसाइट को उनके अनुकूल, सरल और स्मार्ट बनाया जाए। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने पहली बार हर चीज से पहले आयकरदाताओं को रखा है। वेबसाइट की कार्यक्षमता करदाताओं की बदलती जरूरतों को ध्यान में रख रही है, खासकर अन्य वित्तीय सेवा प्लेटफॉर्म की तुलना में।

बार-बार प्रयासों के बावजूद, आयकर का विषय अधिकांश आम करदाताओं के लिए हमेशा कठिन रहा है और उन्हें चार्टर्ड एकाउंटेंट और टैक्स फाइलिंग विशेषज्ञों की सेवाएं लेनी पड़ती हैं। न केवल इस कवायद के लिए उन्हें पैसे खर्च करने पड़ते हैं, बल्कि कई लोगों के सामने उन्हें अपने वित्तीय विवरणों का खुलासा करना पड़ता है, जिन पर वे भरोसा कर सकते हैं या नहीं भी। इसके अलावा उन्हें सही रिटर्न, रिफंड और आयकर विभाग द्वारा पूछे जाने वाले संभावित प्रश्नों के बारे में भी चिंता रहती है, जिसे वे आसानी से नहीं समझ सकते हैं। अपनी विश्वसनीयता के लिए आयकर विभाग ने वर्षों से न केवल विभिन्न प्रकार के करदाताओं के लिए अलग-अलग टैक्स रिटर्न फॉर्म के साथ टैक्स भरने को सुविधाजनक बनाया है, बल्कि इसने करदाताओं को अपनी आयकर भरने प्रक्रिया को प्रबंधित करने का एक आसान तरीका खोजने में मदद करने के लिए अपनी वेबसाइट पर सामग्री पेश करके आयकर गणना के तरीके में भी सुधार किया है। हालांकि, आयकर भरने की पूरी प्रक्रिया को सुचारू और आसान बनाने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। यह सुधार सभी करदाताओं के लिए आयकर भरने के लिए आसान प्रक्रिया बनाने की दिशा में एक कदम था।

बुनियादी स्तर पर पहली बार आयकर विभाग करदाताओं को अपनी कर देयता की खुद गणना करने के लिए मुफ्त डाउनलोड करने योग्य सॉफ्टवेयर की पेशकश करेगा। नई वेबसाइट में एक अच्छा नेविगेशन बिंदु भी है, जो करदाताओं को न केवल रिटर्न दाखिल करने, बल्कि अपने रिटर्न और रिफंड का पता लगाने के लिए आयकर अधिकारियों से संपर्क करने के लिए एकल खिड़की का उपयोग करने की अनुमति देता है। यह आयकर अधिकारियों और करदाताओं के बीच बातचीत के लिए एकल खिड़की भी खोलेगा; ताकि दोनों कर विवादों और गलतियों को सुलझाने में सक्षम होंगे। जिस तरह से आईआरसीटी ने ट्रेन टिकट बुक करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया, इस पूरी प्रक्रिया के बारे में सोचने पर ऐसा ही लगता है।


कई तकनीकी बदलावों में एक क्रमिक सुधार शामिल होता है और आयकर विभाग की वेबसाइट इससे अलग नहीं है। फिलहाल इसमें कई खामियां हैं, जिसकी तरफ आम आदमी से लेकर वित्त मंत्री तक ने इशारा किया है और इसके बारे में इंफोसिस तथा नंदन नीलेकणी, जो कंपनी के चेयरमैन हैं, को बताया गया है तथा वे इसकी खामियां दूर करने पर काम कर रहे हैं। इस नई साइट के साथ एक अच्छी बात यह है कि आयकर भरने का मौसम शुरू होने में अभी समय है, जो समस्याओं को सुलझाने और समाधान पाने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करता है, जो लोगों को अपनी टैक्स फाइलिंग को स्वयं प्रबंधित करने में मदद करेगा। इसके साथ ही कर नियम- कानूनों के माध्यम से आने वाले किसी भी नए बदलाव को सुविधाजनक बनाने के लिए परिवर्तन जारी रहेंगे।

आयकर वेबसाइट के वर्तमान संस्करण के साथ लाभ यह है कि यह कर नियमों, कर दाखिल, कर विवाद समाधान और कर रिफंड से संबंधित हर चीज के लिए एकल गंतव्य की तरह है। प्रौद्योगिकी जिस तरह से राह आसान बनाती है, उससे उपयोगकर्ता अपने कई वित्तीय लेनदेन के लिए डीआईवाई (डू इट योरसेल्फ-इसे स्वयं करें) दृष्टिकोण का पालन करने में सक्षम हैं। कर दाखिल करने की अंतिम सीमा भी कुछ ऐसी होगी, जिसे वे स्वयं प्रबंधित करने में सक्षम होंगे। पिछले कुछ वर्षों में टैक्स रिटर्न फॉर्म पहले से ही सरल हो गए हैं और जिस तरह से व्यक्तियों के आयकर का आकलन किया जाता है, वह भी आसान हो रहा है।

और, जिस तरह से बैंक खाते, पैन और आधार को आपस में जोड़ा जा रहा है, संभावना है कि जल्द ही, कर फॉर्म भरना विभिन्न स्रोतों से एकत्र किए गए डेटा से स्वचालित रूप से संभव हो जाएगा, और फॉर्म में छूटी किसी भी चीज को अद्यतन करने और उससे सहमत होने की जिम्मेदारी करदाताओं पर छोड़ दी जाएगी। इस तरह से आयकर भरना हममें से कई लोगों के लिए मोबाइल, बिजली और अन्य उपयोगी चीजों का बिल भरने की तरह हो जाएगा। नई वेबसाइट में वर्तमान में जो थोड़ी-सी कमियां हैं, उसे टैक्स फाइलिंग को एक सुविधाजनक प्रक्रिया बनाकर स्वतः पाट दी जाएंगी।

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