कार्रवाई: आयकर विभाग का पंजाब के तीन आढ़तियों पर छापा, पकड़ी करोड़ों की कर चोरी


 






आयकर विभाग ने पंजाब में तीन प्रमुख आढ़ती (मंडी कमीशन एजेंट) समूहों के ठिकानों पर छापे मारकर करोड़ों रुपये की कर चोरी का पता लगाया है।

सीबीडीटी ने शुक्रवार को बताया कि आयकर टीमों ने यह छापे बुधवार को इन तीनों आढ़तियों के पंजाब व हरियाणा में कई जगह स्थित ठिकानों पर मारे, जहां तलाशी के दौरान व्यापार से जुड़ी बेनामी रसीदों को ‘छिपाने’ और खर्चों को बढ़ा चढ़ाकर दिखाते हुए की जा रही इस कर चोरी के सबूत मिले हैं।

मंडियों में कमीशन पर किसानों की फसलें खरीदने वाले ये आढ़ती समूह इसके अलावा स्टील रोलिंग मिल, कोल्ड स्टोरेज, ज्वैलरी शॉप, पोल्ट्री फार्म, चावल मिल, तेल मिल, आटा मिल जैसे करीब एक दर्जन व्यवसाय भी चला रहे हैं।


सीबीडीटी ने कहा कि तलाशी में इन समूहों के अपने व्यावसायिक लेनदेन से जुटाए धन को छिपाने और खर्च को ज्यादा दिखाने के सबूत मिले हैं। साथ ही ज्यादातर लेनदेन नकदी में बिना पक्के कागजों के किया जा रहा था।

इससे जुड़े दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। छापे में 1.70 करोड़ रुपये की बेनामी नकदी और 1.50 करोड़ रुपये के आभूषण मिले हैं। साथ ही 1.50 करोड़ रुपये का बिना किसी हिसाब-किताब वाला आटा स्टॉक भी मिला है। करीब आठ बैंक लॉकर मिले हैं, जिनकी जांच जारी है।

कच्ची खाता बही में करोड़ों का लेनदेन

आयकर टीमों को जांच में इन समूहों की कच्चा खाता बही मिली, जिसमें करोड़ों रुपये के बिना हिसाब-किताब वाले लेनदेन दर्ज हैं। इन कच्चे बही खातों को विशेषज्ञ की मदद से समझा जा रहा है। सीबीडीटी ने कहा कि कर अधिकारियों को कुछ व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खातों की किताबों के समानांतर सेट भी मिले, जो सालाना आधार पर करोड़ों में चल रही सकल व्यापार आय को छिपाने के प्रयासों को दर्शाते हैं।

किसानों से सस्ती खरीद, बाद में महंगी बिक्री

सीबीडीटी ने बताया कि जांच में किसानों से सस्ते दामों पर फसलें खरीदकर कोल्ड स्टोरेज की मदद से बाद में महंगे दामों पर बेचने के भी सबूत मिले हैं। एक समूह मौसम में बेहद सस्ते दाम पर फलों की खरीद करने के बाद कोल्ड स्टोरेज में रखता है और बाद में सीजन खत्म होने पर इन फलों को महंगे दामों पर बेचकर मुनाफा कमाता है।


किसानों को मोटी दर पर देते हैं कर्ज, नकदी में लेते हैं ब्याज

सीबीडीटी के मुताबिक, इन आढ़ती समूहों ने किसानों को करोड़ों रुपये का कर्ज बांट रखा है, जिसपर 1.5 से 3 फीसदी मासिक (18 से 36 फीसदी सालाना) तक का मोटा ब्याज वसूला जा रहा है। यह ब्याज नकदी में लिया जाता है और इसे बहीखातों में दर्ज नहीं किया जाता।



कर्मचारियों के नाम पर बना रखी मुखौटा फर्म

इन आढ़ती समूहों के कर्मचारियों के नाम से दो संदिग्ध बेनामी फर्मों के दस्तावेज मिले हैं, जिनका करोड़ों रुपये सालाना का टर्नओवर दिखाया गया है। करीब 3.40 करोड़ रुपये का बेनामी निवेश अचल संपत्तियों में किए जाने के दस्तावेज भी मिले हैं। साथ ही अपने परिजनों व रिश्तेदारों को ब्याज मुक्त कर्ज बांटकर भी बिजनेस फंड डायवर्ट किए गए हैं।

Comments

Popular posts from this blog

Centre appeals against ruling on levy of GST on maintenance charges to resident welfare associations

Seven key things to know before filing income tax return (ITR) for FY21

Income Tax Return or ITR for FY20 Can Be Filed Till May 31