GST की दरों में प्रस्तावित वृद्धि के खिलाफ व्यापारिक संगठन लामबंद, देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी!
केंद्र सरकार की ओर से एक बार फिर जीएसटी (GST rates Increase) की दरों में बढ़ोत्तरी किए जाने की प्रबल संभावना जताई जा रही है. माना जा रहा है कि मई माह में वस्तु एवं सेवा कर काउंसिल (GST Council) की मीटिंग होना तय हुआ है. इसमें करीब 143 वस्तुओं पर जीएसटी दर बढ़ाए जाने की संभावना जताई है.
इसको लेकर केंद्र सरकार (Central Government) ने राज्य सरकारों से विचार व सुझाव भी मांगे हैं. इससे केंद्र के राजस्व में वृद्धि होगी और राज्य मुआवजे के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहेंगे. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से इसको लेकर मांगे विचार व सुझावों पर व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने कड़ी आपत्ति जताई है.
इस बीच देखा जाए तो टैक्स दरों में बढ़ोतरी पर राज्यों से राय मांगने को लेकर जीएसटी काउंसिल (GST Council ) ने सफाई भी दी है. सूत्रों के मुताबिक, गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) संबंधी मुद्दों पर फैसले करने वाली सर्वोच्च इकाई जीएसटी काउंसिल ने टैक्स दरें बढ़ाने को लेकर राज्यों से राय नहीं मांगी है.
व्यापारियों ने केंद्र सरकार को दी देशव्यापाी आंदोलन की चेतावनी
बृजेश गोयल ने कहा कि यदि जीएसटी की दरें बढ़ती हैं, तो महंगाई का ग्राफ तेजी से ऊपर जाएगा. कोविड-19 महामारी के दौर में वैसे ही कामकाज ठप्प है. मार्केट में पैसा नहीं है. इस फैसले से आम आदमी पर अधिक बोझ पड़ेगा. सीटीआई के नेतृत्व में दिल्ली और देश के व्यापारी इसका विरोध करेंगे और जरूरत पड़ने पर देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा.\
इन सभी के दामों में हो जाएगी दोगुनी बढ़ोत्तरी
सीटीआई के मुताबिक जिन वस्तुओं की जीएसटी दरें बढ़ाई जा सकती हैं, उनमें पापड़, गुड़, पावर बैंक, घड़ियां, सूटकेस, हैंड बैग, परफ्यम, कलर टीवी सेट (32 इंच से कम), चॉकलेट, च्युइंगम, अखरोट, कस्टर्ड पाउडर, नॉन एल्कोहोलिक बेवरेज, सिरेमिक सिंक वॉश बेसिन, काले चश्मे, चश्मे के लिए फ्रेम, चमड़े के अपैरल और कपड़ों के सामान शामिल हैं. पापड़ और गुड़ जैसे प्रोडक्ट पर जीएसटी की दरें 0 से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया जा सकता है. वहीं, कई तरह की निर्माण वस्तुओं पर जीएसटी की दरें 18 प्रतिशत से बढ़कर 28 प्रतिशत हो सकती हैं.
अवैध बिलिंग का काम बढ़ेगा, व्यापारी पर दोहरी मार पड़ेगी
टैक्स एवं जीएसटी एक्सपर्ट सीए राकेश गुप्ता ने बताया कि सबसे अधिक उन व्यापारियों को परेशानी होगी, जिनके पास स्टॉक पड़ा है. इससे अवैध बिलिंग का काम बढ़ेगा, व्यापारी पर दोहरी मार पड़ेगी. मौजूदा समय में रेट बढ़ाने की जरूरत नहीं थी. सरकार को अपने टारगेट के आसपास कलेक्शन प्राप्त हो रहा है. दर बढ़ोत्तरी से 2 नंबर का काम बढ़ता है. कंपन्सेशन सेस खत्म होने के बाद राज्य सरकार का रेवेन्यू कम हो जाएगा. पहले सरकार ने आश्वस्त किया था कि जब जीएसटी कलेक्शन स्टेबल हो जाएगा, तब अन्य वस्तुओं पर रेट घटा देंगे, मगर, अब उल्टा हो रहा है.
Source:https://hindi.news18.com/news/delhi-ncr/rrts-preparation-for-trial-rapid-rail-delsp-4218563.html
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