Income Tax : छुट्टियों के एवज में कंपनी से मिलता है पैसा तो क्‍या इस पर भी लगेगा टैक्‍स? एक्‍सपर्ट बता रहे पूरा गणित

 









सरकारी हों या प्राइवेट लगभग सभी नियोक्‍ता अपने कर्मचारियों को कुछ छुट्टियां ऐसी देते हैं, जिनका इस्‍तेमाल न होने पर उन्‍हें नकद रूप में भुनाया जा सके. ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या सैलरी की तरह इन छुट्टियों के एवज में मिलने वाली रकम पर भी आयकर लगेगा?

आयकर विशेषज्ञ गिरीश नारंग ने इन सवालों का विस्‍तार से जवाब दिया. उन्‍होंने कहा कि वैसे तो छुट्टियों के एवज में मिलने वाली रकम आपकी आय ही मानी जाती है, लेकिन इनकम टैक्‍स कानून के तहत इस पर कई तरह की रियायतें मिलती हैं. ये रियायतें सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग होती हैं. लिहाजा आप किस कैगेटरी में आते हैं, उसके हिसाब से ही अपने लिए आयकर छूट और टैक्‍स की गणना करें.

सरकारी कर्मचारियों के लिए पूरी तरह छूट
नारंग ने बताया कि अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं, चाहे केंद्र के हों या राज्‍य के तो आपको छुट्टियों के एवज (leaves Encashment) में मिली पूरी रकम पर टैक्‍स छूट दी जाती है. यह इस राशि का भुगतान नौकरी से इस्‍तीफा देने या रिटायर होने पर किया जाता है. ऐसे कर्मचारियों के लिए न तो छुट्टी के दिनों की संख्‍या निर्धारित होती है और न ही राशि की मात्रा पर कोई प्रतिबंध होता है.

हालांकि, इसमें भी थोड़ा फेरबदल है और सरकारी कर्मचारियों को भी दो भागों में बांटा गया है. अगर आप रेलवे, सरकारी अस्‍पतालों, राजस्‍व विभाग जैसे सेक्‍टर में काम करते हैं तो आपको छुट्टियों के एवज में भुगतान की गई पूरी रकम पर टैक्‍स छूट दी जाएगी. वहीं, नगर निगम, बैंक, बीमा कंपनी जैसे सरकारी नियंत्रण वाले विभागों में काम करते हैं तो आपके ऊपर टैक्‍स छूट की लिमिट लागू होगी. ऐसे कर्मचारियों को उनकी 10 महीने की सैलरी के बराबर अथवा अधिकतम 3 लाख रुपये तक राशि पर ही टैक्‍स छूट दी जाएगी.

निजी क्षेत्र के कर्मचारियों पर अलग नियम
ऐसे कर्मचारियों को भी नियोक्‍ता की ओर से छुट्टियों के एवज में नकद राशि का भुगतान किया जाता है. यह राशि अगर उनके 10 महीने के वेतन के बरार है तो पूरी तरह आयकर के दायरे से बाहर होगी. इससे ज्‍यादा की राशि पर उन्‍हें अपने स्‍लैब के हिसाब से टैक्‍स का भुगतान करना पड़ेगा. अगर रुपये के टर्म में देखें तो इन कर्मचारियों को छुट्टियों के बदले मिली 3 लाख रुपये तक की राशि पूरी तरह आयकर से मुक्‍त होगी. इससे ज्‍यादा की राशि पर टैक्‍स देना पड़ेगा.

सरकारी कर्मचारियों के लिए पूरी तरह छूट
नारंग ने बताया कि अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं, चाहे केंद्र के हों या राज्‍य के तो आपको छुट्टियों के एवज (leaves Encashment) में मिली पूरी रकम पर टैक्‍स छूट दी जाती है. यह इस राशि का भुगतान नौकरी से इस्‍तीफा देने या रिटायर होने पर किया जाता है. ऐसे कर्मचारियों के लिए न तो छुट्टी के दिनों की संख्‍या निर्धारित होती है और न ही राशि की मात्रा पर कोई प्रतिबंध होता है.

हालांकि, इसमें भी थोड़ा फेरबदल है और सरकारी कर्मचारियों को भी दो भागों में बांटा गया है. अगर आप रेलवे, सरकारी अस्‍पतालों, राजस्‍व विभाग जैसे सेक्‍टर में काम करते हैं तो आपको छुट्टियों के एवज में भुगतान की गई पूरी रकम पर टैक्‍स छूट दी जाएगी. वहीं, नगर निगम, बैंक, बीमा कंपनी जैसे सरकारी नियंत्रण वाले विभागों में काम करते हैं तो आपके ऊपर टैक्‍स छूट की लिमिट लागू होगी. ऐसे कर्मचारियों को उनकी 10 महीने की सैलरी के बराबर अथवा अधिकतम 3 लाख रुपये तक राशि पर ही टैक्‍स छूट दी जाएगी.

निजी क्षेत्र के कर्मचारियों पर अलग नियम
ऐसे कर्मचारियों को भी नियोक्‍ता की ओर से छुट्टियों के एवज में नकद राशि का भुगतान किया जाता है. यह राशि अगर उनके 10 महीने के वेतन के बरार है तो पूरी तरह आयकर के दायरे से बाहर होगी. इससे ज्‍यादा की राशि पर उन्‍हें अपने स्‍लैब के हिसाब से टैक्‍स का भुगतान करना पड़ेगा. अगर रुपये के टर्म में देखें तो इन कर्मचारियों को छुट्टियों के बदले मिली 3 लाख रुपये तक की राशि पूरी तरह आयकर से मुक्‍त होगी. इससे ज्‍यादा की राशि पर टैक्‍स देना पड़ेगा.

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