E-way bill और FasTag जुड़े, अब GST चोरी हुई मुश्किल, ईवे बिल से जुड़े सामानों की आवाजाही की मिलेगी रियल टाइम जानकारी

 







जीएसटी चोरी को रोकने के लिए सरकार की सख्ती लगातार बढ़ रही है। अब E-way bill से जुड़े सामानों की आवाजाही की रियल टाइम जानकारी जीएसटी अधिकारी रख पा रहे हैं। ईवे बिल को फास्टैग और रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) से जोड़ दिया गया है। इससे सामान ले जाने वाले वाहनों पर निगरानी रखी जा रही है। इससे जीएसटी चोरी पर लगाम लगाना आसान हो गया है।

जानकारों के मुताबिक, ईवे बिल जनरेट करने के दौरान सामान ले जाने वाले वाहन की पूरी जानकारी देनी होती है। ईवे बिल सिस्टम को जीएसटी अधिकारी के पास मौजूद मोबाइल एप से जोड़ दिया गया है। ऐसे में वाहनों के नंबर को डालकर जीएसटी अधिकारी उस एप की मदद से आसानी से यह जान सकेंगे कि वह वाहन अभी कहां है और अपने गंतव्य तक पहुंचने में उसे कितना समय लगेगा।

FasTag से जुड़े होने के कारण वह वाहन ने कितने टोल प्लाजा को पार किया है, इसकी जानकारी रियल टाइम पर मिल रही है। सोने को छोड़ अन्य सभी वस्तुओं का मूल्य अगर 50,000 रुपये से अधिक है, तो अंतरराज्यीय स्तर पर उसकी ढुलाई के लिए ईवे बिल अनिवार्य है।

जानकारों के मुताबिक, जीएसटी अधिकारी अब यह भी आसानी से पता लगा लेंगे कि बिना ईवे बिल के माल ढोने वाली कितनी गाडि़यां टोल प्लाजा से गुजरी हैं। इससे गैरकानूनी तरीके से माल की अंतरराज्यीय स्तर पर होने वाली ढुलाई पर रोक लग सकेगी जिससे जीएसटी चोरी में और कमी आएगी। ईवे बिल के साथ माल ढोने वाली किसी गाड़ी पर शक होने पर जीएसटी अधिकारी उसे रास्ते में रुकवा भी सकते हैं क्योंकि गाड़ी की रियल टाइम जानकारी उनके पास है। नियम के मुताबिक जीएसटी इंस्पेक्टर द्वारा ईवे बिल मांगे जाने पर कारोबारी और ट्रांसपोर्टर्स को उसे प्रस्तुत करान होता है।

पहले ट्रांसपोर्टर यह बहाना बना लेते थे कि रास्ते में गाड़ी खराब हो गई, इसलिए एक राज्य से दूसरे राज्य में माल पहुंचाने में समय लग गया। अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। ईवे बिल की वैधता एक निश्चित समय तक होती है और उस दौरान ही माल की ढुलाई पूरी होनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर जुर्माने का प्राविधान है। पिछले तीन वर्षो में 180 करोड़ ईवे बिल का सृजन किया जा चुका है। इनमें से सिर्फ सात करोड़ ईवे बिल की जांच टैक्स अधिकारियों ने की है।

Comments

Popular posts from this blog

Centre appeals against ruling on levy of GST on maintenance charges to resident welfare associations

Seven key things to know before filing income tax return (ITR) for FY21

Income Tax Return or ITR for FY20 Can Be Filed Till May 31