वैक्सीन पर GST का मामला:GST 5% क्यों रखना? इसे 0.10% भी कर सकते हैं; उत्पादकों को इनपुट टैक्स क्रेडिट इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में नकद चुका दें
वैक्सीन पर GST की दर को कम करना चाहिए
GST विशेषज्ञ बिमल जैन कहते हैं, वैक्सीन पर GST को बिना संदेह कम किया जा सकता है। GST काउंसिल के पास इसके अधिकार हैं। केंद्र सरकार को महामारी की आपात स्थिति को देखते हुए GST काउंसिल को मीटिंग बुलानी चाहिए और वैक्सीन पर GST की दर को कम करना चाहिए। ताकि लोगों को कम कीमत पर टीका मिले। इसके लिए जरूरत पड़ने पर टीके में इस्तेमाल होने वाले रॉ मैटेरियल पर भी दरें घटा देनी चाहिए।
जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट पर टैक्स कम करने की जरूरत
ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर और वेंटिलेटर पर भी 12% GST लग रहा है, इसमें भी कमी की जानी चाहिए। वहीं, इंदौर CA शाखा के चेयरमैन CA कीर्ति जोशी कहते हैं, GST इनपुट क्रेडिट के लिए वैक्सीन को 5% स्लैब में रखना जरूरी नहीं है। सरकार इसकी दरों को न्यूनतम स्तर पर ले जाकर भी ऐसा कर सकती है। GST काउंसिल की सिफारिश पर केंद्र सरकार को यह अधिकार प्राप्त है।
वहीं, वित्त मंत्री सीतरमण निर्मला ने कहा था कि अगर वैक्सीन को GST से पूरी छूट दी गई तो उत्पादक इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं ले पाएंगे। वे इसका बोझ वैक्सीन की कीमत बढ़ाकर उपभोक्ताओं पर डालेंगे।
एक्सपर्ट पैनल में शामिल इंदौर CA शाखा चेयरमैन कीर्ति जोशी और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स में के चेयरमैन बिमल जैन ने कहा कि GST काउंसिल वैक्सीन पर टैक्स की दर घटा सकती है। मर्चेंट एक्सपोर्ट की तर्ज पर इसे 0.10% किया जा सकता है। ऐसा करने पर उत्पादकों को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल जाएगा। कच्चे माल पर जो अतिरिक्त टैक्स का भुगतान उत्पादक ने किया है उसका इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में उन्हें नकद रिफंड दिया जा सकता है।
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