GST और VAT कलेक्शन पर डीसी की रिव्यू मीटिंग, जीएसटी रिटर्न फाइलिंग के लिए हेल्प डेस्क बनाने के आदेश

 









शहर के ट्रेड वेलफेयर बोर्ड की मीटिंग चंडीगढ़ के डीसी मनदीप सिंह बराड़ की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान डीसी ने जीएसटी (GST) और वैट (VAT) कलेक्शन पर रिव्यू किया। जीएसटी और वैट कलेक्शन को लेकर किस प्रकार की कमी आ रही है। इस पर अधिकारियों से चर्चा की गई। वहीं व्यापारियों को किस प्रकार की दिक्कत पेश आ रही है। इसको लेकर समीक्षा की गई।

डीसी मनदीप बराड़ ने टाइम बाउंड तरीके से व्यापारियों की समस्याओं का निपटारा और जीएसटी रिटर्न फाइलिंग के लिए हेल्प डेस्क बनाने के आदेश दिए। इस दौरान मीटिंग में एडिशनल एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर आरके पोपली, असिस्टेंट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर सौरभ कुमार अरोड़ा, जीएसटी ईटीओ हीना तलवार और चंडीगढ़ व्यापार मंडल, चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल, चैंबर आफ चंडीगढ़ इंडस्ट्रीज और इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आफ चंडीगढ़ और लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधि शामिल रहे।

वहीं, पदम मोटर्स पर एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट के अफसरों की मेहरबानी जारी है। एक साल बीत जाने के बावजूद टैक्स डिफाल्टर पदम मोटर्स के खिलाफ अब तक विजिलेंस जांच शुरू नहीं की जा सकी है। जबकि एडिशनल एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर आरके पोपली ने सितंबर 2019 में विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे। फिर भी 1.73 करोड़ रुपये के डिफाल्टर पदम मोटर्स के खिलाफ विजिलेंस जांच की फाइल एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट में धूल फांक रही है। मामले में संज्ञान लेते हुए बीते साल सितंबर में एईटीसी आरके पोपली ने पदम मोटर्स केस से जुड़े सभी दस्तावेज जांचने के बाद विजिलेंस या सीबीआइ से इसकी जांच कराने को कहा था।

यूटी एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने 23 मई 2013 को इंडस्ट्रियल एरिया फेज एक स्थित पदम मोटर्स के प्लॉट पर रेड की थी, जहां 100 से ज्यादा लग्जरी और महंगी कारें खड़ी मिली थीं। जब अधिकारियों ने कंपनी पर रेड की तब इन गाड़ियों के एक भी परचेज डॉक्यूमेंट्स नहीं मिले। वहीं 351 गाड़िया वेयरहाउस और शोरूम में मिलीं। इस पर यूटी एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने पंजाब वेल्यू एडेड टैक्स 2005 के सेक्शन 46(6) पी के तहत सभी गाड़ियां सीज कर ली थीं। इनमें 158 शेव्रेले कार और 164 रेनॉल्ट कार पदम मोटर के गोदाम में थी। जबकि 28 शेव्रेले कारें कंपनी के शोरूम में बिना परचेज और सेल बिल डॉक्यूमेंट्स के पकड़ी गई थी। इनमें से कंपनी ने अपील के दौरान 272 गाड़ियों के परचेज डॉक्यूमेंट्स दिखाए थे। जबकि 129 लग्जरी गाड़ियों की कंपनी एक भी दस्तावेज नहीं दिखा पाई थी।

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