GST को 'गब्बर सिंह टैक्स' न कहें, ऐसे कहने से हमारे संस्थानों का होता है अनाद: निर्मला सीतारमण
वस्तु एवं सेवा कर (GST) को 'गब्बर सिंह टैक्स' कहने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। सीतारमण ने कहा कि GST को 'गब्बर सिंह टैक्स' कह कर आलोचना करने से यह देश के संस्थानों का अनादर है। उन्होंने कहा कि यह बिना सोचे-समझे दी गई प्रतिक्रिया है। सीतारमण ने देश की वाणिज्यिक राजधानी में बजट के बाद आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि जीएसटी के बारे में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था जीएसटी परिषद में केंद्र के साथ सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और केंद्र का निर्णयों पर सिर्फ एक-तिहाई असर रहता है
दरअसल, कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी लगातार जीएसटी को 'गब्बर सिंह टैक्स' कहकर इसकी आलोचना करते रहे हैं। राहुल गांधी का कहना है कि जीएसटी की वजह से देश की आर्थिक वृद्धि में गिरावट आई है। इस बारे में सीतारमण ने कहा, "चाहे जो भी वजह हो, जानबूझकर या अनजाने में, जब हम अपने जिस भी एजेंडे से जीएसटी की छवि को धूमिल करते हैं तो हम उस संस्थान को छोटा कर रहे हैं जिसने सभी राज्यों को एक मंच पर लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के बारे में इस तरह की प्रतिक्रियाओं से देश के अपने ही संस्थानों का अनादर होता है।
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि जीएसटी एक बहुत ही दिलचस्प चीज है जहां न तो राज्य और न ही केंद्र निर्णय ले सकता है और निर्णय एक समिति प्रणाली का आधार होते हैं जो प्रक्रिया का मूल्यांकन करती है। मंत्रालय के अधिकारी एलएंडटी के रक्षा व्यवसाय के पूर्णकालिक निदेशक जेडी पाटिल के एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने पूछा कि उनकी कंपनी टैक्स क्रेडिट को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित क्यों नहीं कर सकती, जिसमें वह काम करती है। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनियां अपने काम करने वाले वर्टिकल के बीच क्रेडिट ट्रांसफर करने में असमर्थ हैं।
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