Petrol-Diesel पर GST, जानिए निर्मला सीतारमण ने क्‍या जरूरी बात कही

 









वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि खुदरा महंगाई दर पूरी तरह से नियंत्रण में है और जैसा कि आरबीआइ ने कहा है कि अगले महीने से खुदरा महंगाई दर में कमी आएगी, वे भी इससे सहमत है। उन्होंने कहा कि खुदरा महंगाई दर की सीमा 4 फीसद है और उसमें दो फीसद ऊपर और नीचे तक जाने की छूट है। इस लिहाज से यह छह फीसद होती है और भाजपा के पिछले 7 साल के शासनकाल में खुदरा महंगाई दर सिर्फ छह बार 6 फीसद से ऊपर गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि पेट्रोल व डीजल पहले से ही जीएसटी के दायरे में हैं सिर्फ उन पर जीएसटी दर तय करने के लिए जीएसटी काउंसिल की सहमति चाहिए जो काउंसिल की बैठक में राज्यों के साथ विचार-विमर्श करके होगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि फिलहाल वैश्विक स्थिति की वजह से भी महंगाई दर प्रभावित हो रही है। ईंधन, मेटल, स्टील जैसे धातुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। यहां तक कि कॉफी, चाय, कोक तक की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। अमेरिका में महंगाई दर 40 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

सीतारमण ने कहा कि वह खुद आवश्यक वस्तुओं की निगरानी समिति में हैं और खाद्य तेल से लेकर दाल-दलहन सब की कीमतों पर सरकार की नजर है। सीतारमण ने कहा कि जनवरी माह की खुदरा महंगाई दर छह फीसद की सीमा को पार कर गई है, लेकिन अगले महीने से आरबीआइ के अनुमान के मुताबिक यह छह फीसद से नीचे आ जाएगी।

क्रिप्टो को लाभ में नहीं बेचने पर भी देना होगा एक फीसद टीडीएस

सीतारमण ने बताया कि क्रिप्टोकरंसी को लाभ में बेचने पर 30 फीसद का टैक्स देना होगा, लेकिन क्रिप्टो को लाभ में नहीं बेचने पर भी एक फीसद का टीडीएस देना होगा। यह टीडीएस इसलिए देना होगा ताकि यह पता लग सके कि किनके-किनके बीच क्रिप्टो का ट्रांजैक्शन किया गया है।

उन्होंने बताया कि आरबीआइ की तरफ से जारी होने वाले डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करंसी माना जाएगा, बाकी अन्य को डिजिटल एसेट (संपदा) माना जाएगा। उन्होंने बताया कि आरबीआइ की तरफ से जारी होने वाली डिजिटल करंसी का इस्तेमाल थोक रूप में या बिजनेस टू बिजनेस होगा या इसका खुदरा इस्तेमाल किया जा सकेगा, इसका फैसला आरबीआइ करेगा।

पेट्रोल व डीजल को जीएसटी में लाने के लिए कैबिनेट की मंजूरी जरूरी नहीं

वित्त मंत्री ने बताया कि पेट्रोल व डीजल पहले से ही जीएसटी के दायरे में हैं सिर्फ उन पर जीएसटी दर तय करने के लिए जीएसटी काउंसिल की सहमति चाहिए जो काउंसिल की बैठक में राज्यों के साथ विचार-विमर्श करके होगा। उन्होंने बताया कि पेट्रोल व डीजल पर जीएसटी दर तय करने व उसे लागू करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।

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